नई दिल्ली:
देश के तीन प्रमुख सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक – स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI), पंजाब नेशनल बैंक (PNB) और बैंक ऑफ बड़ौदा (BOB) – 1 अक्टूबर 2025 से अपने ग्राहकों को ₹1 लाख तक की क्रेडिट सुविधा प्रदान करने जा रहे हैं। इस पहल से लाखों खाताधारकों को वित्तीय राहत और लचीलापन मिलने की उम्मीद है।
यह सुविधा खासतौर पर उन ग्राहकों के लिए फायदेमंद होगी जिन्हें आकस्मिक खर्चों या छोटे समय के लिए पैसों की जरूरत होती है, लेकिन वे लंबी कर्ज प्रक्रिया से गुजरना नहीं चाहते।
क्या है ₹1 लाख की क्रेडिट सुविधा?
यह एक प्री-अप्रूव्ड क्रेडिट लिमिट होगी, जो पात्र ग्राहकों को उनके बैंक खाते में सीधे उपलब्ध कराई जाएगी। इसका उद्देश्य छोटे वित्तीय अंतर को पाटना है – जैसे मेडिकल इमरजेंसी, जरूरी खरीदारी या व्यापार से जुड़ी तत्काल जरूरतें।
इस क्रेडिट को पारंपरिक ऋणों की तुलना में सरल शर्तों और तेज़ वितरण के साथ लाया गया है, ताकि ग्राहक महंगे क्रेडिट कार्ड या अनौपचारिक ऋण पर निर्भर न रहें।
कौन होंगे पात्र?
पात्रता बैंक द्वारा निर्धारित कुछ मानदंडों पर आधारित होगी, जिनमें शामिल हैं:
- खाते का अच्छा ट्रांजेक्शन इतिहास
- नियमित आय या सैलरी का प्रवाह
- बैंक के साथ लंबे समय से संबंध
- अच्छा क्रेडिट स्कोर
यह सुविधा सभी ग्राहकों को स्वतः नहीं मिलेगी, बल्कि केवल उन्हीं को जिन्हें बैंक उपयुक्त मानते हैं। पात्र ग्राहकों को SMS या ईमेल द्वारा इसकी जानकारी दी जाएगी।
कैसे मिलेगा यह क्रेडिट?
एक बार जब ग्राहक को ₹1 लाख की सीमा की पुष्टि हो जाती है, तब वे इस राशि को अपने खाते से सामान्य बैंकिंग तरीकों जैसे:
- नेट बैंकिंग
- मोबाइल ऐप
- ATM
- चेक के माध्यम से निकाल सकते हैं।
भुगतान अवधि आमतौर पर 30 से 90 दिन के बीच होगी और ब्याज दरें क्रेडिट कार्ड या पर्सनल लोन की तुलना में काफी कम रखी जाएंगी।
क्यों लाई गई यह योजना?
भारत में डिजिटल बैंकिंग और वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने के प्रयासों के तहत यह पहल की गई है। यह सुविधा खासतौर पर उन लोगों के लिए है जो छोटे व्यापार करते हैं या वेतनभोगी हैं और जिन्हें अक्सर तात्कालिक फंड की जरूरत होती है।
इससे बैंकों को अपने रिटेल लोन पोर्टफोलियो को बढ़ाने का मौका मिलेगा, साथ ही ग्राहकों से संबंध मजबूत होंगे।
ग्राहकों को क्या लाभ होंगे?
- तुरंत और आसान धन उपलब्धता, बिना कागजी कार्यवाही के
- कम ब्याज दरें अन्य विकल्पों की तुलना में
- फाइनेंशियल डिसिप्लिन को बढ़ावा
- क्रेडिट स्कोर में सुधार, यदि समय पर भुगतान किया जाए
किन बातों का रखें ध्यान?
- यह सुविधा भी एक ऋण है, इसलिए समय पर भुगतान आवश्यक है
- गैर-जिम्मेदार उपयोग से क्रेडिट स्कोर प्रभावित हो सकता है
- सभी ग्राहक पात्र नहीं होंगे, इसलिए स्पष्ट जानकारी की जरूरत होगी
- बैंकों को भी जोखिम प्रबंधन पर ध्यान देना होगा
बैंकिंग क्षेत्र पर संभावित प्रभाव
यह कदम अन्य बैंकों को भी ऐसी ही योजनाएं लाने के लिए प्रेरित कर सकता है, जिससे क्रेडिट प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी। साथ ही यह देशभर में डिजिटल बैंकिंग और फॉर्मल क्रेडिट सिस्टम को अपनाने को प्रोत्साहित करेगा।
निष्कर्ष
1 अक्टूबर 2025 से लागू हो रही यह नई योजना, SBI, PNB और BOB के ग्राहकों के लिए एक क्रांतिकारी पहल मानी जा रही है। यह न केवल ग्राहकों को वित्तीय सहारा देगी, बल्कि उन्हें आर्थिक रूप से अधिक सक्षम और जागरूक बनाएगी।
ग्राहकों को सलाह दी जाती है कि वे अपने बैंक से आधिकारिक जानकारी प्राप्त करें, नियमों को समझें और इस सुविधा का सदुपयोग करें।