भारत में भूमि और संपत्ति से जुड़े कानूनों में हाल के वर्षों में कई बदलाव हुए हैं, जिनका उद्देश्य पारदर्शिता बढ़ाना और फर्जीवाड़े को रोकना है। इसी बीच सोशल मीडिया पर एक खबर ने लोगों को भ्रमित कर दिया कि सरकार ने पत्नी के नाम पर जमीन खरीदने पर प्रतिबंध लगा दिया है। लेकिन हकीकत इससे बिल्कुल अलग है।
अफवाहों के पीछे की सच्चाई
हाल के महीनों में यूट्यूब और सोशल मीडिया पर कई भ्रामक वीडियो और लेख सामने आए, जिनमें दावा किया गया कि महिलाओं के नाम पर संपत्ति खरीदना अब मुश्किल हो गया है। इन दावों ने कई लोगों को चिंता में डाल दिया। लेकिन सरकार के किसी भी आधिकारिक दस्तावेज या अधिसूचना में ऐसा कोई नियम नहीं है जो पत्नी के नाम पर जमीन खरीदने पर रोक लगाता हो।
नए नियमों का उद्देश्य
2025 में लागू किए गए भूमि रजिस्ट्री के नए नियमों का मकसद केवल लेनदेन को सुरक्षित और पारदर्शी बनाना है। इनमें आधार बायोमेट्रिक सत्यापन, डिजिटल दस्तावेज अपलोड और ऑनलाइन स्टांप शुल्क भुगतान जैसी आधुनिक प्रक्रियाएं शामिल हैं। ये सभी उपाय फर्जी पहचान और धोखाधड़ी को रोकने के लिए हैं, न कि किसी विशेष वर्ग को संपत्ति खरीदने से रोकने के लिए।
महिलाओं को मिल रही विशेष सुविधाएं
सरकार महिलाओं को संपत्ति के अधिकारों में बढ़ावा देने के लिए कई प्रोत्साहन दे रही है। कई राज्यों में महिलाओं के नाम पर संपत्ति रजिस्ट्री करने पर स्टांप शुल्क में छूट दी जाती है। उदाहरण के तौर पर, बिहार में पारिवारिक संपत्ति के बंटवारे के लिए मात्र ₹100 में रजिस्ट्री की सुविधा उपलब्ध है।
रजिस्ट्री प्रक्रिया अब पहले से आसान
भूमि रजिस्ट्री की प्रक्रिया अब डिजिटल हो चुकी है। लंबी कतारों की जगह अब ऑनलाइन आवेदन, ई-स्टांप भुगतान और अपॉइंटमेंट सिस्टम लागू है। उप-पंजीयक कार्यालय में रजिस्ट्री के समय आधार बायोमेट्रिक सत्यापन किया जाता है, जिससे फर्जीवाड़े की संभावना कम हो जाती है।
कानूनी स्थिति क्या कहती है?
भारतीय रजिस्ट्रेशन अधिनियम, 1908 के अनुसार, ₹100 से अधिक मूल्य की संपत्ति का पंजीकरण अनिवार्य है। यह नियम सभी नागरिकों पर समान रूप से लागू होता है, चाहे संपत्ति किसी पुरुष के नाम पर हो या महिला के। रजिस्ट्री के लिए आधार कार्ड, पैन कार्ड, खतौनी, नक्शा और कर-मुक्त प्रमाण पत्र जैसे दस्तावेजों की आवश्यकता होती है।
निष्कर्ष: महिलाओं के नाम पर संपत्ति खरीदना पूरी तरह वैध
सरकार ने न केवल महिलाओं के नाम पर संपत्ति खरीदने की अनुमति दी है, बल्कि उन्हें प्रोत्साहित भी किया है। सोशल मीडिया पर फैली अफवाहों से सावधान रहना जरूरी है और किसी भी कानूनी जानकारी के लिए केवल आधिकारिक स्रोतों पर भरोसा करना चाहिए।