अगर आपके पास बाइक या चार पहिया वाहन है, तो यह खबर आपके लिए किसी बड़ी राहत से कम नहीं है। केंद्र सरकार ने बढ़ती महंगाई को देखते हुए पेट्रोल और डीजल की कीमतों में भारी कटौती करने का ऐलान किया है। यह फैसला 15 सितंबर को एक अहम बैठक के बाद लिया गया, और इसके तहत 22 सितंबर 2025 से पेट्रोल-डीजल के नए रेट लागू कर दिए गए हैं। नई दरों के अनुसार, आम उपभोक्ताओं को प्रति लीटर लगभग ₹8 से ₹10 तक की राहत मिलने की संभावना है।
पिछले तीन वर्षों में पेट्रोल-डीजल की कीमतें लगातार बढ़ती रही थीं, जहां एक समय यह कीमत ₹36 प्रति लीटर हुआ करती थी, वहीं हाल के महीनों में ₹120 प्रति लीटर तक पहुंच गई थी। जनता में बढ़ते आक्रोश और आर्थिक दबाव को देखते हुए सरकार ने GST परिषद की बैठक बुलाई, जिसमें उच्च स्तर के अधिकारियों जैसे IAS और RAS ने भाग लिया। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य आम जरूरत की चीजों पर लगने वाले टैक्स को कम करना और ईंधन की कीमतों में राहत देना था।
GST बैठक में यह फैसला लिया गया कि पेट्रोल और डीजल जैसे आवश्यक ईंधनों पर GST की दरों में कटौती की जाएगी, ताकि आम लोगों को सीधी राहत मिल सके। इसके साथ ही खाद्य सामग्री और रोजमर्रा की उपयोगी वस्तुओं से भी टैक्स का बोझ कम किया गया है। खास बात यह है कि यह निर्णय शारदीय नवरात्र की शुरुआत यानी 22 सितंबर से लागू हुआ है, जिसे शुभ अवसर मानते हुए सरकार ने राहत पैकेज जारी किया है।
इस निर्णय के अनुसार, देशभर में पेट्रोल की कीमत औसतन ₹110–₹112 प्रति लीटर और डीजल की कीमत ₹95–₹97 प्रति लीटर के बीच आ गई है, हालांकि राज्यवार टैक्स की दरों के कारण यह आंकड़े थोड़ा अलग हो सकते हैं। सरकार ने पेट्रोल पंप संचालकों को आदेश दिया है कि नई दरें तुरंत प्रभाव से लागू की जाएं और किसी भी तरह की गड़बड़ी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
जनता से अपील की गई है कि वे रसीद अवश्य लें, किसी भी अनियमितता की स्थिति में स्थानीय प्रशासन को सूचित करें और पेट्रोल-डीजल की अद्यतन दरों की जानकारी फ्यूल ट्रैकिंग एप्स या सरकारी पोर्टलों से प्राप्त करें। सरकार का यह भी कहना है कि यह फैसला सिर्फ आर्थिक राहत नहीं है, बल्कि डिजिटल भुगतान और पारदर्शी व्यवस्था को बढ़ावा देने की दिशा में भी एक बड़ा कदम है।
पेट्रोल-डीजल की कीमतों में यह कटौती न सिर्फ वाहन मालिकों को राहत देगी, बल्कि इसके चलते परिवहन लागत भी कम होगी, जिससे अन्य जरूरी वस्तुओं की कीमतों पर भी सकारात्मक असर पड़ सकता है। सरकार का मानना है कि यह फैसला “डिजिटल इंडिया” और “कम टैक्स, ज्यादा राहत” नीति की दिशा में एक ठोस कदम है।