एलपीजी सिलेंडर सस्ता हुआ! जीएसटी हटने के बाद 22 सितंबर से लागू होंगे नए दाम

देशभर में आम जनता के लिए बड़ी राहत की खबर सामने आई है। केंद्र सरकार ने एलपीजी गैस सिलेंडर पर लगने वाला जीएसटी (GST) हटाने का फैसला ले लिया है। यह फैसला हाल ही में हुई जीएसटी परिषद की बैठक में लिया गया, जिससे सीधे तौर पर हर घर की रसोई को फायदा मिलेगा। खासतौर पर उन लोगों के लिए यह राहत है जो बढ़ती महंगाई के कारण सिलेंडर खरीदने से पीछे हट रहे थे।

बारिश के मौसम में खासकर ग्रामीण इलाकों में गैस सिलेंडर की मांग तेजी से बढ़ गई थी। लेकिन दामों में लगातार बढ़ोतरी के चलते कई लोग इसका उपयोग नहीं कर पा रहे थे। लोगों ने सरकार से सिलेंडर के दाम कम करने की मांग की थी, लेकिन इससे पहले ही जीएसटी हटाने का ऐलान कर दिया गया, जिससे कीमतों में सीधा असर देखने को मिलेगा।

गौरतलब है कि पिछले एक साल में एलपीजी गैस सिलेंडर की कीमत में ₹350 तक की बढ़ोतरी हुई थी। जहां पहले एक सिलेंडर ₹640 में मिलता था, अब वही ₹970 में मिलने लगा था। इस महंगाई से खासकर निम्न और मध्यम वर्ग के लोग सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे थे। गैस सिलेंडर आज के समय में हर घर की पहली जरूरत बन चुका है। सुबह की चाय, बच्चों का दूध, दोपहर का खाना – सब कुछ इसी पर निर्भर है।

जीएसटी परिषद ने अपने निर्णय में कहा है कि वे सभी वस्तुएं, जो आम जनता की रोज़मर्रा की जरूरत का हिस्सा हैं, उन पर से जीएसटी हटा दी जाएगी। इसमें एलपीजी गैस सिलेंडर भी शामिल है। पहले गैस सिलेंडर पर करीब 28% तक जीएसटी लगाया जाता था, जो अब पूरी तरह से हटा लिया गया है। इससे लोगों को सीधा ₹250 तक का लाभ मिलेगा।

जीएसटी हटने के बाद एलपीजी सिलेंडर की नई कीमत अब लगभग ₹650 के आसपास होगी। हालांकि इसमें थोड़ा बहुत अंतर राज्यों और डिलीवरी शुल्क के अनुसार रह सकता है, लेकिन कुल मिलाकर हर उपभोक्ता को राहत जरूर मिलेगी। यह फैसला आम लोगों की जेब पर बोझ कम करने के उद्देश्य से लिया गया है।

सरकार की ओर से यह घोषणा की गई है कि नए रेट 22 सितंबर 2025 से देशभर में लागू कर दिए जाएंगे। साथ ही, सरकार एक नई लिस्ट भी जारी करेगी जिसमें उन सभी जरूरी वस्तुओं की जानकारी होगी, जिन पर से जीएसटी पूरी तरह से हटा दी गई है। जनता उस सूची के माध्यम से यह देख सकेगी कि किन वस्तुओं के दाम घटे हैं।

इस फैसले से न केवल आर्थिक राहत मिलेगी, बल्कि स्वच्छ ईंधन को बढ़ावा भी मिलेगा। लकड़ी और कोयले का प्रयोग घटेगा, जिससे पर्यावरण पर भी सकारात्मक असर पड़ेगा। सरकार का यह कदम एक जनहितैषी और व्यवहारिक नीति का उदाहरण है, जो आम नागरिक की मूलभूत जरूरतों को ध्यान में रखकर लिया गया है।

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