उत्तर प्रदेश में एक धार्मिक संत, जिन्हें लोग ‘बाबा’ कहकर जानते हैं, उनके हालिया बयान ने सोशल मीडिया पर काफी चर्चा बटोरी है। बाबा ने एक सभा में कहा कि “देश संविधान से चलता है, किसी धर्म से नहीं।” उन्होंने आगे कहा कि अगर कोई नमाज पढ़ना चाहता है तो वह इसे मस्जिद में पढ़े, और अगर वहां जगह न हो तो अपने घर में पढ़े, लेकिन सार्वजनिक जगहों पर इसे करना ठीक नहीं है। उनका कहना था कि किसी भी धर्म को दूसरों पर थोपना नहीं चाहिए।
बाबा का यह बयान इंटरनेट पर वायरल हो गया है और इस पर लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रिया सामने आ रही है। कुछ लोग इस बात का समर्थन कर रहे हैं कि सार्वजनिक स्थानों पर कोई भी धार्मिक आयोजन नहीं होना चाहिए, ताकि सड़क, ट्रैफिक और आम लोगों की सुविधा में बाधा न आए। वहीं कुछ लोगों का मानना है कि इस तरह के बयानों से एक खास धर्म को निशाना बनाया जा रहा है, जबकि बाकी धर्मों के सार्वजनिक आयोजनों पर कोई सवाल नहीं उठता।
देश संविधान से चलेगा 🔥
— Sudhir Mishra 🇮🇳 (@Sudhir_mish) September 24, 2025
नमाज मस्जिद में पढ़ो… जगह कम है अपने घर में पढ़ो, किसी पर थोपने की कोशिश मत करो।
यूपी में बाबा बा 🫡👌
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संविधान के मुताबिक हर नागरिक को अपने धर्म को मानने और उसका पालन करने का अधिकार है, लेकिन यह अधिकार सार्वजनिक व्यवस्था और दूसरों की सुविधा के अधीन होता है। यानी धर्म की आज़ादी के साथ-साथ हमें दूसरों के अधिकारों और सामाजिक अनुशासन का भी ध्यान रखना होता है। बाबा का बयान इसी बात की ओर इशारा करता है कि भारत का कानून सबसे ऊपर है और सबको मिलकर उसी के अनुसार चलना चाहिए।